हमसे पूछते है आजकल क्या किया करते है
हम तो सिर्फ आप ही को याद किया करते है
ये हम नहीं कहते हमारे घरवाले कहते है
हम नींद में भी आप ही का नाम लिया करते है
अब तो लोग भी हमे पागल, दीवाना कहने लगे है
देख हर लड़की में शक्ल तुम्हारी हम हंस दिया करते है
जाने कैसी ये मोहब्बत है कैसा ये दीवानापन है
हम तो तेरे ख्वाबो में किये वादों पे भी ऐतबार किया करते है
जुबां से तुझको कुछ कहने कि जरूरत नहीं
हम तेरी हर बात हम आँखों से समझ लिया करते है
आने कि भी तुझको जरूरत नहीं
तेरी खुशबु हम हवाओ में पा लिया करते है
कभी माँगा नहीं "आदित्य" ने खुदा से भी तुझको ,
क्या पता दिल उसका भी फिसल जाये
हम तो सिर्फ अपनी मोहब्बत पे ऐतबार किया करते है
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