Wednesday, September 8, 2010
करके क़त्ल अपनी बेटी का
मैंने सोचा उसे नींद नही आयी होगी
दिल में उसके कही ना कही तन्हाई होगी
पर ये क्या वो तो चैन कि नींद सोया है आज
कहते सुना बहुत दिनों बाद गहरी नींद आई होगी
सो सकता है क्या कोई चैन से इस तरह
क़त्ल अपनी बेटी का करने के बाद
होंठो पे जिसके अभी जुबा नहीं
मुहँ उसका हमेशा के लिए बंद करने के बाद
क्या हो गया है इंसानों को क्यों वो हैवान बनते जा रहे है
पूजते है वो जिनको उन्ही का कत्लेआम करते जा रहे है
कहता है "आदित्य" अभी भी सुधर जाओ, फिर ना मिलेगा वक़्त पछतावे का
क़त्ल करना ही है तो क़त्ल करदो अपनी बेटी के क़त्ल के इरादे का
अपनी बेटी के क़त्ल के इरादे का .................
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
कुछ तो बात जरूर थी वर्ना यूँ कशिश ना होती
ReplyDeleteयूँ सांसो का रुक जाना ऐसी कोई जरुरत ना थी
ऐसे थमा ये दिल की समां रुक सा गया
हर तरफ देखो अचम्भा सा छागया, की कुछ थम सा गया
कुछ बात जरूर रही होगी वर्ना दिलमे तड़प नहोती
कुछ तो बात जरूर थी वर्ना यूँ कशिश ना होती
यूँ सांसो का रुक जाना ऐसी कोई जरुरत ना थी
तुमारे चहरे से उड़ाती जुल्फों में सरगम ना होती
के तुमारी सांसे यूँ गरम ना होती
अब तो तुमारा गुस्सा भी लगता है हमे प्यारा
नहीं होता ये सब कुछ अगर कोई बात ना होती
कुछ तो बात जरूर थी वर्ना यूँ कशिश ना होती
यूँ सांसो का रुक जाना ऐसी कोई जरुरत ना थी
बस यही काफी नहीं है की तुम मेरे पास हो
बात तो सही है की पास होते हुवे भी कहा तुम मेरे साथ हो
कुछ दूरियां है हुमरे दरमियाँ केसे तुम्हे इस बात का अहसास हो
हर बात जुबान से बताई जा नहीं सकती
और एसेही जीवन में बहार आनहि सकती
कुछ तो बात जरूर थी वर्ना यूँ कशिश ना होती
यूँ सांसो का रुक जाना ऐसी कोई जरुरत ना थी
क्यूँ किसी का इन्तेजार आँखों में रहता है
क्यों दीवाना दिल बेक़रार कहता है
कुछ तो बात जरूर है वर्ना ये धड़कन इतनी बेक़रार ना होती
हाँ .............कुछ तो बात जरूर थी वर्ना यूँ कशिश ना होती
सच में ......यूँ सांसो का रुक जाना ऐसी कोई जरुरत ना थी
sunny mandavarra
BHUT AACHA LAGA ODH KUR
ReplyDeleteAISE HI AAP LIKHTE RHE
EK DI AAP ASMAN KI BULNDI KO JRUR CHUYENGE
HAMARI GOD SE YHI PRAYRE HAIII
THANKS YOUUUU
Ajay : Aapne Humare Liye Jo Dua Ki Uske lLiye Bahut Bahut Dhanyvaad Sir.Bs Ese hi Aap Sb Ka Sath Bna Rahe
ReplyDelete