Saturday, December 25, 2010
यह है हसीनो का असली रूप
यह है हसीनो का असली रूप नागिन बनके है ये हम बेचारे लडको को डसती
जहर जब फ़ैल जाये दिल तक हमारे तो है हमारी बेबसी पे हंसती
इछाधारी है दोस्तों अलग अलग रूप दिखा के है बहलाती
बाद जाने के तुम्हारे बैठ के साथ सहेलियों के है तुम पे फ़ब्तिया कसती
हर जगह है फैली हुई ये मेरे साथियों
ना कोई शहर कि सीमा है ना है इनकी कोई बस्ती
फंसना ना इनके जाल मे तुम बहुत खतरनाक प्राणी है ये
फ़साने को अपने जाल मे मीठी-२ बाते है ये करती
बाद डसने के इनके जब रुक जाये दिल कि धडकने तुम्हारी
हमने तो कुछ भी नहीं किया ये है दोस्तों ये कहती
बीन बजा प्यार कि काबू मे करने कि अगर सोच रहे हो तुम इनको
तो बेटा प्यार व्यार के जाल मे नहीं है ये कभी फंसती
वक़्त है बच्चू अब भी संभल जाओ तुम सारे
ना आना कल ये कहते हुए पास "आदित्य" के के आज ये हमे भी डस ली
**आदित्य सकलानी**
ये मैंने सिर्फ हास्य के उद्देश्य से लिखी है कृपया इसे अन्यथा ना ले
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