Saturday, December 25, 2010

बड़ा अच्छा लगता है
















मेरे बुलाने पे वो तेरा आना बड़ा अच्छा लगता है
देर से आने पे वो तेरा बहाने बनाना बड़ा अच्छा लगता है
वो मिलना हमारा उस पुराने तालाब पे जाके
वो बार -२ तेरा तेरी जुल्फे बिखराना बड़ा अच्छा लगता है
वो आते ही पास तेरे, इंतजार मे तेरे थके होने का बहाना बनाना मेरा
सोने के लिए लिए वो तेरी गोद का सिरहाना बड़ा अच्छा लगता है
वो बार-२ तुझसे मिलने कि मेरा जिद करना
समझा करो ये कह के तेरा मुझे सताना बड़ा अच्छा लगता है
जब भी मुश्किल आये कोई मेरी जिन्दगी कि राहों मे
मैं हूं ना कह के तेरा वो मुझको गले लगाना बड़ा अच्छा लगता है
पुछु जो कभी सवाल कोई भरी महफिल मे नजरो से अपनी
और मेरे सवाल पे वो तेरा नज़रे झुकाना बड़ा अच्छा लगता है
आ जाऊ जो कभी सामने तुम्हारे अचानक से मैं
वो देख के मुझे तुम्हारा शरमाना बड़ा अच्छा लगता है
वो तुम्हारे मुह से आदि कहलवाना बड़ा अच्छा लगता है
आप ही तो कहते हो आपको हमे आदि कह के बुलाना बड़ा अच्छा लगता है

**आदित्य सकलानी**

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