Tuesday, September 27, 2011

तेरा नाम ना लिखा होगा


















जिस दिन तेरा दिल मेरे दिल से जुदा होगा
सीने से मेरा दिल निकाल के देखना तेरा ही नाम खुदा होगा
तुझसे बिछड़ने पे जिन्दगी कि सांसो कि जंग हार जायेगा ये "आदित्य"
जो कभी कहा करता देखना पैरों तले मेरे आसमां भी कभी झुका होगा
लौटा दूंगा खुदा को मैं उसकी दी हुई ये जिन्दगी
अगर इस जिन्दगी के सफर में मेरे साथ तेरा नाम ना लिखा होगा
**आदित्य सकलानी** ----**दिल से दिल तक**

Jis Din Tera Dil Mere Dil Se Juda Hoga
Sine Se Mera Dil Nikal Ke Dekhna Tera Hi Nam Khuda Hoga
Tujh Se Bichadne Pe JIndgi Ki Jang Har Jayega Ye "Aditya"
Jo Kabhi Kaha Karta Tha Pairo Tale Mere Aasmaan Bhi Kabhi Jhuka Hoga
Lota Dunga Khuda Ko Di Hui Uski Ye Jindgi
Agar Is Jindgi Ke Safar Me Nam Tera Na Likha Hoga
*8Aditya Saklani**----**Dil Se Dil Tak**

बात आदित्य और उसकी कलम कि

















------------------बात आदित्य और उसकी कलम कि ---------------------
तन्हा हुआ "आदित्य" तो दिल ने फिर आवाज दी कलम उठाने को
एक दिन इसी दिल ने कहा था जिस कलम को छोड़ जाने को
हाथ उठाया लिखने को तो लगा कलम को भी किसी के आने का इंतज़ार है
कहा "आदित्य" ने कलम से तू भी रुक गयी मेरे दिल कि बेबसी आजमाने को
तो कलम ने कहा हँसते हुए कहा क्यों झूठे गम दिखाता है मुझे सब पता है
तू भी तो लिखता है सिर्फ अपना दिल बहलाने को
मैंने कहा जा तू भी किसी कोने में पड़ी रह तन्हा मेरे दिल कि तरह
तो कहने लगी क्यों तन्हा छोड़ रहा है मुझे तू अपना ही दिल दुखाने को
मैं तेरे साथ हूं कोई हो ना हो एक दिन तेरी याद आएगी जरूर इस जमाने को

याद रखना इस आदित्य को भुलाना ना कभी
गुजारिश है सब से अपनों को आजमाना ना कभी

**आदित्य सकलानी**

वादा

करके गये थे वादा आने का सदियाँ बीत गयी आप ना आये
अब भी साथ है मेरे तुम्हारी दी हुई तन्हाईयो के साये
तू आ मेरी जिन्दगी में या ना आ ये फैसला तेरा है
हम आज भी रातें गुज़ारते है चाँद कि रोशनी में कि शायद तू आये
चल आज तेरे फैसले पे यकीन कर लिया मैंने कि फैसला तेरा दिल से था
हम नहीं याद करेगे तुझे फिर ना कहना गर हमारा कोई तुझे पैगाम ना आये
अंधेरों ने तो सबकों रह दिखाने वाले "आदित्य" को भी कहा छोड़ा है
नहीं तो वो भी सोचता है कभी तो ऐसा हो सुबह के बाद शाम ना आये
अब देखिये ये सब बाते अपने तक ही रखियेगा मेरे दोस्तों
अपने दिल से जो कुछ कहिये बस चर्चा इस "आदित्य" का महफिलों में सरेआम ना आये
**आदित्य सकलानी**

हर ना तुम्हारे लिए हाँ बन गयी

------हर ना तुम्हारे लिए हाँ बन गयी ------

कितनी अनजान थी तुम
पर धीरे-२ मेरी जान बन गयी
सब जानते है आज मुझे तेरे ही नाम से
धीरे-२ तू ही मेरी पहचान बन गयी
जब कहा भरी महफिल में "आदित्य" ने उन्हें जान अपनी
तो दिल में हाँ करके आँखों से बयाँ करके जुबा से अनजान बन गयी
देख के मेरा प्यार उसने कहा बहुत मासूम हो तुम
तभी तो मेरी हर ना धीरे-२ तुम्हारे लिए हाँ बन गयी
**आदित्य सकलानी*

जब भी सोचता हूं

जब भी सोचता हूं तेरे बारे में क्यों खुद को भूल जाता हूं मैं
कैसे बताऊ तुझे खुदा से ज्यादा तुझे चाहता हूं मैं
ना जाने कैसी कशिश है तेरे वजूद में
बिना देखे तेरी और खिंचा चला आता हूं मैं
करते हो जो बात किसी और से छोड़ के मुझको
ना जाने किस जलन से जला जाता हूं मैं
सुना -२ सा लगता है ये जग सारा ये मुझको
जब अपने दिल से आस पास तुझे ना पाता हूं मैं
अब ना कोई खवाइश ना है कोई आरजू मुझको
बस तेरे प्यार के आगोश में खोना चाहता हूं मैं
**आदित्य सकलानी**

दिल से दिल तक

सोये हैं हाथो मे गुलाब लिए, मगर इश्क का इज़हार नहीं करते
रहते हैं मेरे दिल मे कैसे कह दूं के वो मुझे प्यार नहीं करते
मेरे दिल कि हर धडकन धड़कती है नाम लेके उसका
मेरी जान बसी है उनमे कैसे कह दूं वो मेरी धडकनों पे ऐतबार नहीं करते
कहना चाहता हूं जो भी बिना कहे मेरे ,"दिल से दिल तक " उनके हर बात पहुचती है
जिस बात मैं जिक्र उनका ना आये हम वो बात नहीं करते
जब भी आँखे बंद करता हूं वो आते है मुझसे मिलने
कैसे कह दूं के वो मुझसे मुलाकात नहीं करते
अगर चाहता है खुदा के "आदित्य" उनको उस से मांगने कि दुआ करे उस से
तो सुन ले ऐ खुदा जो हमारा है हम उसे पाने कि तुझ से भी फरियाद नहीं करते
**आदित्य सकलानी**

गजल तेरे नाम कि

लगता है कलम के रुकने का वक़्त आ गया
जो सियाही थी तेरे प्यार कि वो अब खत्म हो चुकी है
जिस उम्मीद पे हम लिखते थे गजल तेरे नाम कि
वो उम्मीद अब अब दिल मे कही दफ़न हो चुकी है
ना उठा इस सफ़ेद कागज़ कि चादर को मेरे चेहरे से
अब ये कागज़ कि चादर एक कफ़न हो चुकी है
**आदित्य सकलानी**

Sunday, September 25, 2011

ना जा के तू छोड़ के - Dont Leave Me



















ना जा के तू छोड़ के "आदित्य" को मैं मोहब्बत तुझसे बेपनाह करता हूं
क्या सबूत दूं तुझको अपनी मोहब्बत का तेरा ही सजदा खुदा कि जगह  करता हूं
के अभी बाकि है कुछ पल जिन्दगी के मेरे लौट आ तुझे मेरे आंसूओ कि कसम
जिन आंसूओ के सहारे तेरी याद में  शाम से सुबह करता हूं
बिना तेरे मैं जी नहीं पाउँगा , तू ही तो मेरी जिन्दगी है
अब तू ही बता क्या तुझे पाने कि जिद्द मैं बेवजह करता हूं
अगर जाना है तो जा मेरी जिन्दगी से बस इतना रहम कर दे मुझपे
अपने प्यार कि जंजीरों से रिहा कर मुझको फिर देख कैसे खुद को तबाह करता हूं
**दिल से दिल तक**,**आदित्य सकलानी**


Na Ja Ke Chhod Ke “Aditya” Ko Main Mohabat Tujhse Bepanah Karta Hoon
Kya Sabot Doon Tujhko Apni Mohabbat Ka Tera Hi Sazda Khuda Ki Jagah Karta Hoon
Ke Abhi Baki Hai Kuch Pal Jindgi Ke Mere Lot Aa Tujhe Mere Aansuo Ki Ksm
Jin Aansuo Ke Sahare Teri Yad Me Sham Se Subah Karta Hoon
Bina Tere Main Ji Nahi Pauga Tu Hi To Meri Jindagi Hai
Ab Tu Hi Ta Kya Tujhe Pane Ki Jidd Main Bewajah Karta Hoon
Agar Jana Hai To Ha Meri Jindgi Se Bs Itna Rahm Kr De Mujh Pe
Apne Pyar Ki Janzeero Se Riha Kr Mujhko Fir Dekh Kaise Khud Ko Tabah Karta Hoon

**Dil Se DIl Tak**,**Aditya Saklani**

आया करेगे तेरी यादों में - Aaya Karenge Teri Yadoon Me



आ के देख जरा इक बार तेरे दीवाने को
जल रहा है जो तेरे याद में उस परवाने को
मेरे प्यार कि कहानी बाद मेरे तेरी जुबाँ पे होगी
तरसेगी रूह तेरी सुन ने को मेरे प्यार के अपसाने को
तू मेरी जिन्दगी है, जा रही है मुझे मौत के आगोश में छोड़कर
आया करेगे तेरी यादों में तुझ से प्यार जताने को
जब भी सुनोगे किस्से मोहबत के किसी के लिखे हुए
याद करोगे तुम्हारे लिए लिखे "आदित्य" के इन तरानों को
**आदित्य सकलानी**



 
AA Ke Dekh Jra Ik Bar Tere Deewane Ko
Jl Raha Hai Jo Tere Pyar Me Us Parwane Ko
Mere Pyar Ki Kahani Bad Mere Teri Juban Pe Hogi
Tarsegi Ruh Teri Sun Ne Ko Mere Pyar Ke Afsane Ko
Tu Meri Jindgi Hai Ja Rahi Hai Mujhe Mout Ke Aagosh Me Chhodkr
Aaya KArenge Teri Yado Me Tujh Se Pyar Jatane Ko
Jb Bhi Sunoge Kisse Mohabbat Ke Likhe Hue Kisi ke
Yad Karoge Tumhare Liye Likhe “Aditya” Ke In Tarano Ko
**Aditya Saklani**